रोजगार सेवक तकनीकी सहायक व मनरेगा सुपरवाइजर के द्वारा प्रधान की बिना जानकारी में लाखों रुपए का किया गया गमन प्रधान ने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को किया शिकायत भेजा पत्र


सीतापुर-सकरन ब्लाक की ग्राम पंचायत रेवान में बिना कार्य कराये गये, निकाले गए लाखो रूपये भ्रस्टाचार के मुददे पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने वाली राज्य की भाजपा सरकार के मुंह पर जोर दार तमाचा है।यह तब है जब खुद ग्राम पंचायत की प्रधान कनकलता के पति  व प्रतिनिधि दिनेश चंद्र गौड़ ने स्वयं प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सहित तमाम उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत  कर वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए कहा गया कि ग्राम पंचायत में मनरेगा से काम न कराकर लगभग दस लाख रुपया,रोजगार सेवक आत्माराम गौड़,तकनीकी सहायक छैलविहारी व  मनरेगा सुपरवाइजर आदिल द्वारा निकाल लिया गया धरातल पर कोई काम नही हुआ है।उन्होंने तीनो के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर कठोर करवाई की मांग पूर्व में      की थी।जिस पर आज तक कार्यवाही जानकारों की माने तो शून्य है। वही ग्रामीणों व जानकारों की माने प्रधानप्रतिनिधि द्वारा की गई शिकायत को नजरअंदाज कर खंड विकास अधिकारी सकरन ने उल्टे ग्राम प्रधान रेवान कनकलता को नोटिस थामते हुए चतुर्थ वित्त,पंद्रहवे वित्त ,शौचालय निर्माण व सोलर लाइटों के लगाये जाने में की गई वित्तीय अनिमियता  का सवाल उठाते हुए स्पस्टीकरण तलब कर लिया है।गौरतलब है ,ग्राम प्रधानप्रतिनिधि ने रेवानिया में सुंदर के घर के पास तालाब खुदाई,पहलवान सिंह के खेत से जोधा की पुलिया तक  केवानी नदी बाधा निर्माण ,भम्भूवा के पश्चिम सड़क से दक्षिण काजवे तक नाला सफाई व रेवानिया काजवे से भम्भूवा के दक्षिण सड़क तक ककरैहिया नाला की सफाई के नाम पर लगभग दस लाख रुपया का आहरण का आरोप ग्राम रोजगार सेवक,तकनीकी सहायक व मनरेगा सुपरवाइजर पर लगाते हुए सितंबर माह में क़ी गई थी ।सूत्रों से मिली जानकारी को यदि सच माना जाय तो इस पूरे खेल में कही न कही कुछ तो ऐसा है जिस पर खंड विकास अधिकारी सकरन को डर सता रहा जिसे वो बेपर्दा नही होने देना चाह रहे है अन्यथा जिस प्रकरण की शिकायत प्रधानप्रतिनिधि द्वारा की गई उस पर वो बात करने से पीछे क्यो हटते हुए नजर आ रहे है।ग्रामीणों की माने पहले खंड विकास अधिकारी को प्रधानप्रतिनिधि द्वारा उठाये गए सवालों पर जांच कर कार्यवाही करनी चाहिए फिर अन्य सवालों पर भी कार्यवाही हो ,नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीण बताते है।मनरेगा से जमीन पर कोई कार्य नही हुआ रूपया निकल गया प्रधानप्रतिनिधि कहते घूम रहे है हमे इस्टीमेट तक नही दिखाया गया कि कौन से काम कितनी धनराशि व्यय होनी है कितने लेबर लगाए गये है।कार्यवाही के बजाय हमे ही धमकाया जा रहा है कि वित्तीय अनियमितताओं  में जेल चले जाओगे।यही नही ग्रामीण  बताते है कैटल सेट में नींव भरवाकर छः माह पूर्व डाल दिया गया अभी तक अधूरे पड़े है नही बन पा रहे है।फिलहाल ग्राम पंचायत में विकास कार्य जुम्मेदारो की आपसी जोर आजमाइश के चलते ठप्प है।जबकि जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज मौकों पर स्पष्ट कह चुके है विकास कार्यो में शासन की मंशा के इतर मिले तो कठोर कार्यवाही होगी,राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का जनपद में हरहाल में पालन कराया जाएगा।ग्राम प्रधान व ब्लाक के जुम्मेदारो द्वारा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का पटाक्षेप होता नही दिख रहा है।जिसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है।खबर लिखे जाने तक खंड विकास अधिकारी सकरन द्वारा जारी नोटिस के जवाब में प्रधान ने उन्हें क्या स्पस्टीकरण दिया यह पता नही चल पाया ।