सीतापुर, 7 नवंबर । विश्व शिशु सुरक्षा दिवस ( 7 नवम्बर) की पूर्व संध्या पर जिले की एक इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) ने अपने अनुभवों और कार्यकुशलता से सुरक्षित प्रसव कराकर एक नवजात की जान बचाने में सफलता प्राप्त की है। एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव करा कर जच्चा और बच्चा को सुरक्षित जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराने पर ईएमटी और पॉयलट की पूरे स्वास्थ्य विभाग में प्रशंसा हो रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा संचालित 102 एंबुलेंस में तैनात कर्मियों व आशा कार्यकर्ता की सक्रियता से प्रसूता व नवजात की जान बच गई। एम्बुलेंस में महिला की हालत नाजुक होती देख ईएमटी ने एम्बुलेंस चालक (पॉयलट) के साथ मिलकर एम्बुलेंस में महिला का सुरक्षित प्रसव कराने में सफल रही। जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं, जिन्हें जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती करा दिया गया है। परसेंडी ब्लॉक के बेलही गांव की किरन पत्नी राजकुमार को प्रसव पीड़ा बढ़ने पर 102 एंबुलेंस से संपर्क किया गया। जिला महिला अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस किरन को लेने रवाना हुई। वापस आते समय शहर में पुलिस लाइन के निकट किरन की हालत बिगड़ने लगी, नाजुक हालात को देखते हुए ईएमटी रूबेश लता ने अपने साथी पॉयलट दीपक से एंबुलेंस को किनारे खड़ी करने को कहा और वह स्वयं अपने अनुभवों का लाभ लेते हुए पॉयलट दीपक के सहयोग से किरन को सुरक्षित प्रसव कराने में सफल रही। ईएमटी रूबेश लता ने बताया कि बच्चा उलटा था, ऐसे में यदि हम महिला को अस्पताल तक ले जाते तो उसके साथ ही उसके बच्चे को भी जान का खतरा हो सकता था। इसलिए ट्रेनिग में मिली जानकारी का उपयोग कर सुरक्षित प्रसव कराया। वह बताती हैं कि महिला की स्थिति देख कर लग रहा था कि स्थिति नियंत्रण से बाहर होगी। लेकिन प्रशिक्षण में मिली जानकारी काम आई। एंबुलेंस सेवा के जिला प्रबंधक अविनाश पांडेय का कहना है कि सीएमओ सहित अन्य उच्चाधिकारियों से ईएमटी रूबेश लता और पॉयलट दीपक को पुरस्कृत व सम्मानित करने का अनुरोध किया जाएगा।
विश्व शिशु सुरक्षा दिवस की पूर्व संध्या पर एंबुलेंस में गूंजी किलकारी जच्चा-बच्चा सुरक्षित, महिला अस्पताल में कराया गया भर्ती