शौचालय घोटाला के बाद समुदायिक शौचालय बना अधिकारियों की।कमाई का जरिया


---  पीला ईट व घटिया किस्म की सामग्री से निर्माण कराये जा रहे  समुदायिक शौचालय
------ वही कुछ ग्राम पंचायतों में प्रधान व सचिव के सामने बीडीओ के निर्धारण सुविधा शुल्क न देने पर भुगतान में आ रही समस्या
----राजीनीतिक दल  ग्राम प्रधान सचिव व लेखपाल पर लगा रहे नियम विरुद्ध निमार्ण कराये जाने के आरोप 


सीतापुर स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतों  में निजी शौचालयों बनाये गये जिसमे ग्राम प्रधान सचिव व उच्च अधिकारियों ने मिलकर भारी मात्र में फर्जीवाड़ा कर वर्षो पूर्व मृतको के  नाम व अन्य कई तरीके से कागजपूर्ति कर आवंटित धनराधि का बंदरबाट लिया निजी शौचालय के फर्जीबाड़ा का  शिलशिला अभी थमा ही नही की अब पंचायती राज विभाग ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय बनवाने का निर्णय लिया है ।  जिसकी लगत 567000 रुपये के लगभग शासन से निर्धारित की गई इसके प्रयोग से सार्वजनिक स्थानों पर लघु शंका और शौच के लिए भटकने वाले लोगों को राहत मिलेगी, जिससे जहां-तहां गंदगी फैलाने वाले लोग सामुदायिक शौचालय का प्रयोग कर सकेंगे। इसके लिए जिलाधिकारी ने पारदर्शिता के साथ जल्द से जल्द सामुदायिक शौचालय निर्माण के निर्देश दिए हैं।
ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक स्थल पर शौचालयों के अभाव में लोग लघुशंका के लिए भटकते रहते हैं, जिससे वह खुले में लघु शंका और शौच जाने के लिए मजबूर होते हैं। जिसके चलते सार्वजनिक स्थलों के निकट गंदगी फैलती है और संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बना रहता है। जिससे निजात पाने के लिए पंचायती राज विभाग ने निजी शौचालयों के बाद प्रत्येक पंचायत में सामुदायिक शौचालय बनाने का निर्णय लिया है। और समुदायिक शौचालय में भ्र्ष्टाचार न हो सके संबंधित अधिकारियों को शासन व जिला प्रशासन द्वारा सख्त से सख्त दिशा निर्देश भी जारी किए गए इन सब के बाद भी जनपद  के कुल 19 ब्लाकों की 1601  ग्राम पंचायतों में अभी तक 10 प्रतिशत समुदायिक शौचालयो का निर्माण कार्य जैसे तैसे लगभग पूर्ण हो चुका जबकि अन्य  पर कुछ ग्राम पंचायतों को छोड़ कर  शेष ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य चल रहा है  कई ग्राम पंचायतों में यह स्पष्ट देखा  जा रहा है कि  बनाये जा रहे समुदायिक शौचालय में जारी दिशा निर्देश को दर किनार कर पीला ईट व घटिया सामग्री से समुदायिक शौचालय निर्माण कराया जा रहे है साथ कुछ राजनीतिक दलों द्वारा यह भी आरोप सामने आ यह है कि निर्माण कराये जा रहे शौचालय ग्राम प्रधान सचिव व लेखपाल की मिलीभगत से कागजपूर्ति राजस्व अभिलेख में किसी अन्य स्थानों की की जा रहे है और समुदायिक शौचालय तालाब व पार्को की भूमि पर निर्माण हो रहे जोकि की नियम विरुद्ध है साथ ही  सूत्रों ने प्राप्त  जानकारी के अनुसार जहाँ एक तरफ समय से भुगतान न होने के कारण  कुछ ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान व सचिव को  समुदायिक शौचालय निर्माण कार्य मे दिक्कते आ रही है वही   कुछ ब्लाकों में  खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा समुदायिक शौचालय निर्माण पर  अग्रिम धनराशि की मांग   निर्धारित किया जा रहा  है जोकि कार्य मे बाधा  निर्माण कार्य मे उत्पन्न कर रहा है समुदायिक शौचालय में प्राप्त जनकारी से यह कहा जा सकता है कि निजी शौचालय के बाद अब समुदायिक शौचालय ब्लाक अधिकारियों की कमाई का जरिया बनता दिखाई दे रहा है