आर्थिक तंगी व बेरोजगारी से जूझ रहे देश के 5 लाख प्रेरक- संजय कुमार

सीतापर  आदर्श शिक्षा प्रेरक वेलफेयर सोसायटी सीतापुर के जिला महासचिव संजय कुमार  ने बताया कि  साक्षरता मिशन के तहत  देश की ग्राम पंचायतों  में संचालित लोक शिक्षा केंद्रों पर तैनात शिक्षा प्रेरकों को  40  माह का बकाया  मानदेय का भुगतान नहीं किया गया। जबकि संविदा बहाली मार्च 2018 से  नही की गई है जिससे प्रेरको को  आर्थिक तंगी से जूझ पड़ रहा हैं। उनके समक्ष जहाँ संविदा बहाली न होने से बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हुयी है वही बकाया मानदेय भुगतान न होने के कारण  परिवार के भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है। सरकार की मनमानी से परेशान प्रेरकों में असंतोष पनपने लगा है। साथ ही  शिक्षा से वंचित रह गए  देश के करोड़ो 15 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को अक्षर ज्ञान कराकर साक्षर बनाने के उद्देश्य से बाधित हो रहा है  वर्ष 2012 में  भारत साक्षर मिशन के तहत देश की ग्रामीण क्षेत्रों में एक महिला व एक पुरूष   प्रेरक की तैनाती   की गई थी। और प्रेरकों को दो हजार रुपये प्रति माह मानदेय तय किया गया है।  शुरूआती दौर में तो कभी कभार शासन द्वारा मानदेय दे दिया जाता था लेकिन मार्च 2018 में शासन द्वारा प्रेरको की संविदा पर रोक लगा दी  गयी है तब से लगातर अडिड के नाम पर प्रेरको को गुमराह किया जा रहा है साथ ही किये गए 40 माह के कार्य का मानदेय  भुगतान भी  नही  किया जा रहा  है जिससे प्रेरको की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है   उनके मानदेय भुगतान की दशा यह है कि योजना बंद हुए  31 माह हो गए है और  उन्हें किये गए   40 माह का बकाया मानदेय नहीं मिल पाया है। इतना ही नहीं मिशन के तहत तैनात ब्लाक व जिला समन्वयकों का  मानदेय लंबित पड़ा हुआ है। मानदेय न मिल पाने से प्रेरकों के समक्ष आर्थिक तंगी खड़ी हो गई है। उनके लिए अपने परिजनों का भरण पोषण करना भारी पड़ रहा है। यदि किसी की तबीयत खराब हो गई तो इलाज कैसे कराएं समझ नहीं पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रेरकों की संविदा भी 31  माह से लटकी हुई है। अब तक संविदा नहीं बढ़ी।जबकि प्रेरक संगठनों द्वारा जिला प्रशासन से लेकर भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्री तक देश के 5 लाख प्रेरको के  दर्द बया किया जा चुका है लेकिन किसी का भी ध्यान प्रेरको की तरफ या जो व्यक्ति 15 वर्ष से अधिक अशिछित रह गए है नही जा रहा है