डीसी के संरक्षण में जनपद में हो रहा मनरेगा में घोटाला


मनरेगा के तहत फर्जी कार्य व मजदूर  दिखाकर हो रहा करोड़ का खेल मात्र कागज पर हो रहे कार्य 


सीतापुर  कोरोना काल मे लॉक डाउन की वजह से बाहर जनपदों व प्रदेशो से कार्य से घरों को  वापस आये मजदूरों की बेरोजगारी को लेकर  जहाँ शासन प्रशासन गम्भीर दिखा और अपने कार्यो से घरों को  वापस आये मजदूरों की बेरोजगारी  को लेकर  शासन ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत ग्राम पंचायतों में  कार्यो को प्रारम्भ कराया जिससे गावो में वापस आये मजदूरों  को कार्य मिल  सके शासन की।मंशा के अनुसार जनपद सीतापुर जिला अधिकारी अखिलेश कुमार तिवारी ने  भी बढ़चढ़ के भरीदारी दी और समय समय पर जारी कार्यो   से संबंधित अधिकारियों की बैठक कर दिशा निर्देश जारी किए जिससे शासन की मंशा के अनुसार कार्यो हो सके व कार्यो में भ्रष्टाचार फर्जीवाड़ा  व घोटाला को रोका जा सके शासन व जिला अधिकारी के सख्त से सख्त दिशा निर्देश के बाद भी जिला अधिकारी के अधीनस्थ जिला श्रम उपायुक्त सीतापुर के संरक्षण जनपद के 19 ब्लाकों में कोरोना काल के मार्च से अब तक के हुए कार्यो में  करोड़ रुपए  का घोटाला सामने आ रहा  है। ऑनलाइन सिस्टम में सेंधमारी कर फर्जी  मजदूर, फर्जी कार्य की एंट्री करके करोड़ों रुपए का पेमेंट निकाला गया है। आनलाइन सूची के अनुसार मनरेगा योजना  के अंतर्गत हुए ग्राम पंचायतों  के कार्यो भारी मात्रा में फर्जीवाड़ा किया गया है जिससे यह 
 स्पष्ट  हो रहा  है  यह घोटाले ग्राम प्रधान  , सचिव से प्रारम्भ होकर ब्लाक व जिला श्रम उपायुक्त कार्यालय  स्तर तक  के आला अफसर शामिल है । 
अगर जनपद की  ग्राम पंचायतों  के कार्यो की 
मनरेगा ऑनलाइन सूची व धरातल दोनों की निष्पक्षता से जाँच करायी जाए तो दोनों का कही दूर दूर तक मिलान नही हो रहा   है और करोड़ो का भुगतान हो गया कार्यो में 
घोटाले को पूरी प्लानिंग  के साथ इस तरह से अंजाम दिया गया कि किसी को शक ही नहीं हुआ। मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को प्रधान के गुर्गे गांव में बैंक ले जाकर मजदूरी निकल कर मजदूरों को निर्धारित पहले से तय 
पैसा दे रहे है । काजग पर  कार्य  भी हो रहा था।अगर ग्राम पंचायतों में हुए मनरेगा  फर्जीवाड़ा के कार्यो की कोई मीडिया द्वारा प्रकाशन या ग्रामीण  व संगठन  द्वारा शिकायत भी कर रहे है तो वह शिकायत मात्र अधिकारियों के मेज तक सिमट कर रह जा रही है कई ग्राम पंचायतों के तो जाँच तक आदेश जारी किए जा चुके है जबकि जाँच के नाम पर आज तक कोई भी अधिकारी नही पहुच सका जिससे यह स्पष्ट है जिला श्रम उपायुक्त सीतापुर मोटी कमाई के सामने शासन प्रशासन के जारी दिशा निर्देश को दर किनार कर जनपद में मनरेगा योजना अंतर्गत कार्यो में घोटाला फर्जीवाड़ा व भ्रष्टाचार  करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को संरक्षण देने मव्यस्त दिखाई दे रहे है.                जीतेंद्र शुक्लाा की रिपोर्ट