सीतापुर । डीएम अखिलेश तिवारी जहाँ एक तरफ जनपद में हो रहे विकास कार्यो का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे है जिससे केंद्र व राज्य सरकार द्वारा सभी योजनाओं का लाभ पात्र लाभर्थियों तक सीधा पहुच सके साथ ही जारी योजनाओं में अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार न किया जा सके और भ्रष्टाचार पूर्णता रोका जा सके इस संबंध में समय समय पर संबंधित अधिकारियों की बैठकें भी किया करते हैं । जिला अधिकारी के सख्त रवैया के बाद भी जनपद सीतापुर के विकास खण्ड एलिया में एक के बाद एक घोटाले रुकने का नाम ही नही ले रहे जहाँ जिला अधिकारी के जारी दिशा निर्देश को दर किनार कर मात्र कमीशन खोरी व भ्रष्टाचार इस तरह खण्ड विकास अधिकारी व संबंधित कर्मचारियों में व्याप्त हो चुका है जारी योजनाओं में मात्र कागजी घोड़े दौड़ाकर करोड़ो का हेर फेर कर डाला । प्रकरण प्रधानमंत्री आवास योजना से संबधित प्रकाश में आया है जहाँ अधिकारियों की मिलीभगत से विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत में ऑनलाइन सूची जाँच के बाद यह जानकारी प्राप्त हुई कि आवास जिस पात्र लाभार्थी के नाम वर्ष 2017 में आवास आवंटित है उसे धरातल पर न ही आवास मिला और न ही पात्र लाभार्थी को आवास के संबध में कोई जानकारी है न ही पात्र लाभार्थी को उसके परिवार के नाम वर्ष 2017 में कोई आवास मिला है और ऑनलाइन सूची के अनुसार पात्र लाभार्थी का आवास भी बन गया और भुगतान भी हो गया इससे भी बड़ी बात है साथ मनरेगा मजदूरी भी निकल गयी जब पीड़ित पात्र लाभार्थी ने ऑनलाइन जाँच की जानकारी होती है तो वह खंड विकास अधिकारी सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उच्च अधिकारियों से लगातार महीनों से शिकायत करता है तो खंड विकास अधिकारी द्वारा आनन फानन में घोटाले के 3 वर्षो बाद और लगातर शिकायत के 3 माह बाद ब्लाक की कार्यवाही की गलती मानते हुए तत्तकालीन संबधित ग्राम पंचायत सचिव को धनराशि वापसी की नोटिस जारी कर दी जाती है उक्त प्रकरण के प्रकाश में आने से यह स्पष्ट होता है अगर विकास खंड एलिया की ग्राम पंचायतों की गहनता से प्रधानमंत्री आवास योजना की जाँच करायी जाए तो ऐसे अन्य कई प्रकरण का खुलासा हो सकता है कई गरीब पात्र लाभर्थियों को भी छत मिल सकती है जिसमे ब्लाक अधिकारियों द्वारा
कागजपूर्ती कर शासन को सूचना गलत दे दी गयी और धनराशि ब्लाक से लेकर ग्राम पंचायत तक बंदरबांट कर लिया गया ।