पहला /बिसवां (सीतापुर) । बिसवां व पहला ब्लॉक क्षेत्र में लाखों रुपये खर्च कर सैकड़ो मॉडल तालाब अपनी रंगत खो रहे हैं। हालत यह है कि तालाबों में धूल उड़ती दिखाई दे रही है और अगर इनका भौतिक सत्यापन करवाया जाए तो इनके बनवाने में सिर्फ खुलेआम जमकर धांधली कर रुपयों का बंदर बांट किया गया है । इन तालाबों में पानी ही नही रुकता है तथा तालाबो में गर्मी में प्यास बुझाने के लिए पशु-पक्षियों को भटकना पड़ रहा है। लेकिन सूखे तालाबों में पानी भरवाए जाने की कवायद प्रशासन ने अभी तक शुरू नही की है।
शायद ही कुछ गिने-चुने तालाबों में भले ही पानी दिख जाए। लेकिन हकीकत में अधिकतर तालाब सूखे पड़े हैं। जिन तालाबों में पानी की लहरें उठनी चाहिए वहां पर धूल उड़ रही है। नहरों का भी यही हाल है। तालाब व पोखर और नहरें सूखी होने की वजह से पशु-पक्षियों के सामने विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। तपती धूप में बदन झुलसने और गला सूखने पर जब पशु-पक्षी तालाबों का रूख करते हैं तो सूखे पड़े तालाब देख मायूस होते हैं और जंगली जानवर भी गांव की तरफ रुख करते है जिससे आए दिन गंभीर घटनाएं घटित हो रही हैं । यही नही इस गंभीर समस्या से पशुपालकों को भी जूझना पड़ रहा है। पशुपालक अपने जानवरों की प्यास बुझाने के लिए हैंडपम्प का सहारा ले रहे हैं। पशुपालकों के मुताबिक बेजुबान मवेशी यह तो बता नहीं सकते कि उन्हें प्यास लगी है। हैंडपंप से उन्हें कितनी बार पानी पिलाएंगे। कुछ समाजसेवियों ने कहा की तालाब भराव के लिए जिला प्रशासन को विशेष कदम उठाना चाहिए जिससे इन बेजुबान पशु पक्षियों को पानी नसीब हो सके ।