02 माह से फोन व वीडियो कॉल से लेखपाल करते हैं परिजनों से बात, कोरोना जंग में इन योद्धाओं को कैसे भूल पाएगी जिले की जनता

सीतापुर । कोरोना वाइरस  के खिलाफ जंग में तहसील लेखपालों  ने हर सम्भव  स्थिति जनहित में बढाएं हाथ ममता व परिवार के  कर्तब्य  पर  भी भारी राष्ट्रहित 
 केंद्र सरकार व राज्य सरकार के जारी  आदेशो को ध्यान में रखकर  वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में जनता कर्फ्यू से लेकर लॉक डाउन के सभी चरणों मे  हर कदम पर पूरी जिम्मेदारी के साथ  खड़े जनपद के लेखपालो की कर्तव्य परायणता की इससे बड़ी मिसाल और क्या हो सकती है कि 2 माह से अपने  बच्चे   को पिता  के पास कानपुर छोड़ कर बाहर से आये लोगो के लिए रहने खाने व राहत सामग्री पहुचने में  लेखपाल लगे है   हम बात कर रहे हैं, सीतापुर तहसील के खैराबाद में कार्यरत लेखपाल जेबा खान की जो कानपुर से है और मार्च से अपने घर नही गयी वह अपने बच्चे को परिवार  के पास कानपुर  छोड़कर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही हैं,और  क्षेत्र में बाहर आये लोगो की सेवा कर उन्हे हर संभव सुविधा उपलब्ध  करने में जुटी हैं। जेबा खान ने बताया कोरोना के खिलाफ जंग में जारी दिशा निर्देश हर संभव प्रयास कर सभी को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है जब परिवार व   बच्चे के संबध में जानकारी प्राप्त की गई तो बताया कि 2 माह बीत गए है परिवार से दूर हुए बच्चे की याद आती है कभी कभी उदास होती हूं फोन से और वीडियो कॉल के माध्यम बात होती है अभी राष्ट्रहित पहले है 
तहसील क्षेत्र के लेखपाल आशतोष पांडे जोकि  लखनऊ से निवास करते है और  राष्ट्रहित में    मार्च से ही जनता कर्फ्यू से लेकर लॉक डाउन तक   क्षेत्र में बाहर से आये लोगो की सेवा में ईमानदारी के साथ  पूरा समय दे रहे है  2 माह से मात्र फोन से पत्नी माता पिता परिवार से बात कर रहे है लेखपाल आशतोष पांडे ने बताया अभी देशहित में कोरोना की जंग को जड़ से खत्म करने में मेरे द्वारा भी एक छोटा प्रयास किया जा रहा है 
सीतापुर तहसील क्षेत्र में  तैनात लेखपाल  श्रद्धा शर्मा  यूथ आइकन सीतापुर  जो कि कानपुर जनपद से है जिनका पूरा परिवार कानपुर में रहता है   जनता कर्फ्यू  से लगातार 2 माह पूरे होने को है परिवार से दूर अकेले रहकर पूरी ईमानदारी व लगन के साथ  क्षेत्र में बाहर से आये लोगो के देखभाल में सभी लोगो के रहने खाने के साथ साथ सभी को राहत सामग्री समय से उपलब्ध करा रही है लगी है कोरोना की जंग के  चलते वह अपने घर नहीं जा सकी लेखपाल  श्रद्धा शर्मा ने बताया कि  कोरोना की  इस जंग में यही कोशिश है कि   उच्च अधिकारियों व सहयोगी साथियो के सहयोग से जिम्मेदारी बखूवी निभा सके परिवार के संबध में जानकारी प्राप्त करने पर बताया कि परिवार की  याद आती है तो वीडियो काल के माध्यम से बात कर  लेती हूं। राष्ट्रहित पहले है 
तहसील  क्षेत्र तैनात लेखपाल नेहा दुवे जो कि इटावा जनपद की रहने वाली है  जिनका पूरा परिवार इटावा में रहता है और सीतापुर तैनात है कोरौन कि लड़ाई में  क्षेत्र   ईमानदारी के साथ बाहर से आये लोगो के रहने खाने व सामग्री पहुचने में पूरी जिम्मेदारी निभा रही है व राष्ट्रहित में लगी हैं। 
कुछ ऐसी ही कहानी क्वारन्टीन सेंटर पर ड्यूटी कर रहे लेखपाल ओमकार तिवारी  की है। जिनका परिवार जनपद सीतापुर के  महमूदाबाद में निवास करता  है। लेकिन कोरोना की जंग में कुछ किलोमीटर की दूरी भी आज राष्ट्रहित में  सैकड़ों किलोमीटर बन गयी  बाहर से आये लोगो की सुविधा उपलब्ध करने में ओमकार तिवारी मार्च से घर की तरफ जाने रुख ही नही किया और जब घरवालो की याद आती है तो फोन से बात कर लेते है 
लेखपाल अवनीश यादव  का कहना है कि संकट के इस दौर में उपजिलाधिकारी के दिशा निर्देश में सभी को जारी आदेश के अनुसार सहायता प्रदान की जा रही है अगर जरूरी होता है तो अपने पास से भी सहयोग दिया जाता है जिससे किसी को कोई दिक्कत न हो सके हम सभी की  जिम्मेदारी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है।लेकिन राष्ट्रहित में और कोरोना की जंग को जड़ से खत्म करने में हम लोगो का छोटा सा प्रयास भी सार्थक हो जाये यह सभी के लिए सौभग्य की बात है जनपद सीतापुर में तैनात लेखपालो में से एक बड़ा हिस्सा सीतापुर जनपद से बाहर से निवास करता है जनता कर्फ्यू के बाद से ज्यादातर लेखपाल अपने घरों को छोड़ कर जनहित में परिवार भूल कर सभी को जारी दिशा निर्देश के अनुसार सहयोग प्रदान कर रहे है जिससे कोरोना की इस जंग को जड़ से खत्म किया जा सके कोरोना की जंग में इन योद्धाओं की कुर्बानियों को कैसे भूल पायेगी  सीतापुर की जनता