गरीबों का निवाला छीनने वाले कोटेदार पर मेहरबानी क्यों ?

सीतापुर । जिले की ग्राम पंचायत उमरी शादीपुर में संचालित सरकारी गल्ले की दुकान जो कि श्रीमती लक्ष्मी सिंह के नाम पर आवंटित है। कोरोना वायरस के चलते खाद्यान्न न मिलने की शिकायत पर 16/04/2020 को खण्ड विकास अधिकारी (परसेण्डी) रचना गुप्ता ने ग्राम वासियों की मौजूदगी में औचक निरीक्षण किया था । निरीक्षण के समय स्टॉक रजिस्टर देखने पर पाया गया समस्त पन्नों पर सफेदा लगाया हुआ है जगह जगह पर कटिंग कर ओवर राइटिंग की गई है । वितरण रजिस्टर भी कंपलीट नही पाया गया । शासन द्वारा भेजे गये गरीबों के लिए राशन में भी बड़ी अनियमितता पायी गयी । कई कुंतल गेंहू और चावल का गबन किया गया है । पूरी जानकारी मौके पर ही पूर्ति निरीक्षक संजय कुमार को दी गयी । शासन द्वारा उचित कार्यवाही के निर्देश भी दे दिए गये हैं । एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है  अब सवाल ये उठता है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जिस पर ऐसे कोटेदार पलीता लगा रहे हैं और गरीब जनता का राशन बेचकर अपना मोटा पेट भर रहे हैं । इस महामारी के समय मे भी ऐसे लोग मनमानी से बाज नही आ रहें हैं ऐसे में पुलिस क्या कार्यवाही करती है ? एफआईआर दर्ज हुए भी एक सप्ताह हो चुका है। सवाल ये उठता है क्या ऐसे कोटेदारों का कोटा तत्काल प्रभाव से निलंबित नही होना चाहिये था ?
क्या ऐसे काला बाजारियों पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही कर जेल नही भेजा जाना चाहिए ।
आखिर क्यों ऐसे लोग जांच के नाम पर सुरक्षित हैं ।