बिसवां-सीतापुर । शासन द्वारा हर बेहतर सुविधायें देने के दावों को नगर पालिका परिषद के जिम्मेदार द्वारा ध्यान न देना एक अपने आप में चर्चा का विषय बना हुआ है । हम बात कर रहे हैं नगर पालिका कैंपस में स्थित पेशाब घर की जिसकी दुर्दशा एक हवा महल जैसी साबित हो रही है । लगभग दो माह पूर्व इस शौंचालय को अराजकतत्वों द्वारा इसे तोड़ दिया गया था जिसकी मौखिक तौर पर कई बार शिकायत अधिशासी अधिकारी देवेन्द्र श्रीवास्तव से दुकानदारों ने की थी परन्तु अधिशासी अधिकारी की उदासीनता के चलते इस पेशाब घर की दुर्दशा बहाल नहीं की जा सकी साथ ही जेई निर्माण की मनमानी व हीला हवाली भी चरम सीमा पर है । अधिशासी अधिकारी व जेई साहिबा द्वारा इस मूत्रालय की कायाकल्प के लिए सिर्फ दुकानदारों से आश्वासन ही दिया गया है । दुकानदार अपनी अपनी दुकान बन्द करके इधर उधर पेशाब जाने के लिए भटकते दिखाई दे रहे हैं जिसकारण दुकानों के व्यवसाय पर भी प्रभाव पड़ रहा है । मूत्रालय की दुर्दशा देख राहगीर भी जिम्मेदारों को कोसते हैं परन्तु खाऊ कमाऊ नीति के चलते इस समस्या पर जिम्मेदारों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है । इस समस्या की अनदेखी का नगर पालिका के जिम्मेदारों को शासन व प्रशासन का तनिक सा भी भय महसूस नहीं हो रहा है जिससे इन अधिकारियों के हौसले बुलन्द हैं । अधिशासी अधिकारी की मनमानी की बात की जाय तो ये साहब अधिकतर अपने सरकारी आवास पर ही आराम फरमाते हैं नगर पालिका का सरकारी कामकाज ज्यादातर अपने सरकारी आवास से ही संचालित किया करते हैं जिससे नगर पालिका कार्यालय पर कर्मचारियों की भी बल्ले-बल्ले देखी जा सकती है । जिससे नगर पालिका का काम काज भी प्रभावित हो रहा है और जनाब की पौं बारह हो रही है । क्रमशः
बिसवाँ नगर पालिका कैंपस का मूत्रालय बना हवा महल भृष्टाचार की पहचान बनी नगर पालिका, बयां कर रही दास्तान