सीतापुर, शहर हो या गांव, मरीज भी चाहे जैसा हो हम उसे अस्पताल पहुंचाकर ही दम लेते हैं। हम चौबीसों घंटे मरीजों की सेवा में नि:शुल्क तत्पर हैं। कोरोना संकट के इस दौर में भी हमारी सेवाएं कभी भी प्रभावित नहीं हुई हैं। यह कहना है एम्बुलेंस सेवा के जिला कार्यक्रम प्रबंधक अविनाश पांडेय का। वह कहते हैं कि कोरोना संक्रमण काल में भी एम्बुलेंस कर्मचारी और इमरजेंसी रिस्पांस टीम लोगों की सेवा में पूरी निष्ठा के साथ जुड़ी है।
कोरोना संक्रमण के समय एक बार फिर 108 एम्बुलेंस आम मरीजों के लिए जीवनरक्षक साबित हुई हैं। चार माह से अधिक के समय में 108 एम्बुलेंस ने 928 कोरोना के उपचाराधीन मरीजों को विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचा कर उनके जीवन को बचाया है। जिनमें से 33 मरीजों को लखनऊ के एल-1 और 48 मरीजों को हरदोई जिले के एल-1 हॉस्पिटल पहुंचाया गया है। इसके अलावा 847 मरीजों को खैराबाद के एल-2 हाॅस्पिटल, बीसीएम हॉस्पिटल और एमजे पैलेस पहुंचाया गया है। जिले में कोराेना के मरीजों की सेवा में कुल 13 एम्बुलेंस लगी हैं। जिनमें से दो एम्बुलेंस एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) और 11 एम्बुलेंस बीएलएस (बेसिक लाइफ सपोर्ट) हैं। कोरोना मरीजों की सेवा में लगी इन सभी एम्बुलेंस के पॉयलट और ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टैक्नीशियन) को पीपीई किट उपलब्ध कराई गई हैं, इसके अलावा प्रत्येक मरीज को जिस केंद्र पर छोड़ा जाता है, उसी जगह पर एम्बुलेंस को सैनिटाइज भी किया जाता है। जिससे एम्बुलेंस के पॉयलट और ईएमटी को कोराेना के संक्रमण से बचाया जा सके।
एम्बुलेंस सेवा के जिला कार्यक्रम प्रबंधक अविनाश पांडेय ने बताया कि कोरोना मरीजों की सेवा में लगे सभी पॉयलट और ईएमटी को 14 दिन की ड्यूटी के बाद 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन रहने का अवकाश भी दिया जाता है। ऐसी ही एक एम्बुलेंस के ईएमटी रावेंद्र कुमार का कहना है कि हमारे सामने जो भी मरीज आता है तब हम न तो अमीर-गरीब देखते हैं और न ही यह देखते है कि वह कोराना का संभावित मरीज है अथवा उपचाराधीन मरीज है। तमाम खतरे उठाकर हम उसे सीधे अस्पताल पहुंचाते हैं। एक और ईएमटी गौरव कहते हैं कि मरीजों की सेवा करना हमें अच्छा लगता है। हम सब मरीजों की सेवा के लिए तत्पर हैं।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पीके सिंह का कहना है कि एम्बुलेंस टीम के लोग कोराेना के मरीजों को क्वारंटाइन सेंटरों पर लेकर जा रहे हैं। इसके अलावा वह दुघर्टनाओं में घायल हुए मरीजों और गंभीर रोगियों को भी उच्च स्वास्थ्य केंद्रों पर लेकर जा रहे हैं। टीम के सभी सदस्य एक योद्धा के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने टीम के सभी सदस्यों को कहा कि वह फील्ड पर जाने के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन भी करें जितेंद्र शुक्ला की रिपोर्ट ।