सावधान ! इस मौसम में सक्रिय हो जाते हैं डेंगू के मच्छर, करें बचाव इस तिमाही में तेजी से पनपते हैं मच्छर

 


सीतापुर, कोरोना महामारी के इस दौर में लोग अन्य बीमारियों को लेकर उतना सजग नहीं है जितना कि होना चाहिए। ऐसे में आपको याद दिला दूं कि यह मौसम मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों के पनपने और फैलने के लिए भी है। यह दोनों बीमारियां मच्छरों के काटने से फैलती हैं। डेंगू और मलेरिया बुखार के वायरस को यह मच्छर ही इंसानों के शरीर में पहुंचाते हैं। इन पर काबू पाने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। एसीएमओ डॉ. पीके सिंह ने बताया कि डेंगू बीमारी मादा एडिज मच्छर के काटने से होती है। अगस्त, सितंबर व अक्टूबर में अगर किसी को शरीर में दर्द, थकान, भूख ना लगना, हल्का-सा रैश, लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो, लेकिन बुखार न हो तो यह डेंगू हो सकता है। ऐसे में किसी चिकित्सक की सलाह जरूर लें। 
डेंगू के प्रमुख  लक्षण ---
डेंगू बुखार को ‘हड्डीतोड़ बुखार’ के नाम से भी जाना जाता है। इससे मरीज  को इतना दर्द होता है कि जैसे उनकी हड्डियाँ टूट गई हों । इसके अलावा इसमें बुखार,  सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, उल्टी आना और चक्कर महसूस होना, त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते भी हो जाते हैं। डेंगू में प्लैटलेट्स की संख्या तेजी से गिरने लगती है। 
उपचार ---
आयुर्वेदाचार्य संत कमल किशोर बताते हैं कि घरेलू इलाज के तौर पर पपीते के पत्ते का रस दिन में दो बार लगभग 2-3 चम्मच लिया जा सकता है। इसके अलावा अनार, गिलोय और तुलसी का काढ़ा भी इस बीमारी में लाभदायक है। पपीते के पत्तों और अनार का जूस लाल रक्त कणों में बढ़ोतरी और कमजोरी दूर करता है। गिलोय भी इस बीमारी में कारगर मानी जाती है। गिलोय का जूस अथवा तुलसी के साथ इसका काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है। 
बचाव ---
डेंगू का मच्छर ठहरे हुए पानी में पनपता है, इसलिए इससे बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अपने आस-पास सफाई रखें और पानी जमा न होने दें। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए घर में भी कूलर, टूटे या बेकार बर्तन, बोतल, गमलों में भी पानी न भरा रहने दें। कूलर और गमलों में नियमित पानी बदलते रहें। बुख़ार, गले में ख़राश, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण नज़र आने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन और भरपूर आराम करें। मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें और हल्के रंग के कपड़े पहनें।