गोंदलामऊ सीतापुर महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना में जनपद में लूट मची हुई है। जनपद कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत विकास कार्यो में कागजपूर्ति कर काम कराया जा रहा है , और मास्टर रोल में मजदूरों व उनके जॉब कार्ड व खाता का नंबर दर्ज कर भुगतान कराया जा रहा है जिस सम्बन्ध लगातार सूचनाएं ग्राम पंचायत से निकल कर जिला मुख्यालय तक पहुंच रही है और लगातार प्रकाशन भी हो रहा है लेकिन जिला प्रशासन सीतापुर द्वारा अभी तक इस सम्बन्ध में दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने की तरफ कोई विचार नही किया जा रहा है जिससे ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार कर रहे अधिकारियों के हौसले दिन प्रतिदिन बढ़ते दिखाई दे रहे है और एक के बाद एक घोटाले को अंजाम दे रहे है
मालूम हो कि मनरेगा साल 2005 में लागू हुआ था। इस योजना का मकसद ग्राम पंचायतों के समुचित विकास के साथ ग्राम पंचायतों के बेरोजगारों को रोजगार देना था। इस अधिनियम के जरिए हर ग्रामीण बेरोजगार को 100 दिनों के काम की गारंटी दी गई थी। इसके लिए ग्रामीण बेरोजगारों का जॉबकार्ड बनाया गया था। काम में गड़बड़ी न हो इसके लिए कानूनी प्रक्रिया बनाई गई थी। लेकिन भ्रष्ट प्रधान सचिव टीए ब्लाक अधिकारी व कर्मियों, ने बिचौलियों के साथ मिलकर इस कानून की ऐसी काट निकाली कि कोई पकड़ नहीं सके। मजदूर के नाम सही, जॉब कार्ड सही और खातों में भुगतान सही । लेकिन कार्य होगा मात्र कागज पर मास्टर रोल में जॉब कार्ड नंबर के साथ मजदूरों का नाम व खाता नम्बर होगा और मजदूरों के जॉब कार्ड थोक में बिचौलियों के पास एकत्र रहेंगे जिसके एवज में मजदूरों को कभी-कभार 200 से 400 रुपये तक टोकन मनी मुफ्त में मिल जाती है जोकि जनपद की ज्यातर ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना अंतर्गत विकास कार्यो में लगभग कागजपूर्ति की जा रही है फिर चाहे तालाब, कुआं, सड़क या कुछ अन्य निर्माण हो कार्यो में कार्य धरातल न करा कर कागज पर कराया जा रहा है । जनपद में यह सिस्टम काफी समय से ग्राम पंचायतों में चला आ रहा है और जिस वजह से मनरेगा अधिनियम की धज्जियां लगातार उड़ाई जा रही हैं।
प्रकरण विकास खण्ड गोंदलामऊ की ग्राम पंचायत नटवल ग्रांट का प्रकाश में आया है जहाँ ग्राम प्रधान
ग्राम सचिव शैलेंद्र भार्गव व टीए ने ग्राम पंचायत के मनरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2015 से अब तक आवास शौचालय पंचायत भवन तालाब आदि कुल 88 कार्य ऑनलाइन दर्शा रहे है जिसमे अभी कुछ कार्य पूर्ण है तो कुछ अधरे तो कुछ कार्य पर कार्य चल रहे है जिसमे कागजपूर्ति कर विकास कार्यो में भारी मात्रा फर्जीवाड़ा कर सरकारी धनराशि के घोटालो की चर्चाएं चल रही सूत्रों की।माने तो ग्राम पंचायत में कार्य धरातल पर हो या न हो लेकिन भुगतान कागज पर होना ही है ग्राम पंचायत में वर्ष 2020 -21 में कुंनेरा बार्डर से जमुनापुर बार्डर तक ड्रेन कार्य जो कि 24 जून से आज लगातार कार्य कागज पर चल रहा है जिसमे लगभग 1133 मजदूर कार्य कर चुके है और दो लाख सत्ताइस हजार के लगभग भुगतान भी कागज पर दर्शा रहा है लेकिन धरातल पर जिस ड्रेन पर संबंधित अधिकारियों द्वारा भुगतान कराया जा चुका है उस मे बरसात की प्रारंभ से ही जल भराव है जब ड्रेन में जल भराव है तो कार्य कैसे हो रहा है उक्त प्रकरण विकास खण्ड गोंदलामऊ के ग्राम पंचायत अधिकारी से लेकर विकास खण्ड अधिकारी तक कि कार्य शैली पर सवाल खड़े कर रहे है क्या विकास खण्ड में अधिकतर कार्य ऐसे ही कराये जा रहे रहे और विकास खण्ड गोंदलामऊ में क्या कागजपूर्ति कर ही मनरेगा भुगतान कराये जा रहे है निर्धारित कमीशन खोरी के सामने धरातल पर कार्य की कोई आवश्यकता ही नही है जीतेंद्र शुक्ला की रिपोर्ट