समुदाय तक सही सन्देश पहुंचाना बड़ी जिम्मेदारी - स्वास्थ्य सचिव

सीतापुर 03 जून। आमजन तक सही सन्देश पहुंचाकर ही कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। यह बात प्रदेश की स्वास्थ्य सचिव वी. हेकाली झिमोमी ने कोविड-19 के दौर में संचार चुनौतियों व उनके निराकरण पर आयोजित तीन दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला के दौरान कही। ज़ूम एप के जरिए कार्यशाला में भाग ले रहे प्रदेश के सभी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों से उन्होंने अपील की कि वह आशा, आंगनबाड़ी व एएनएम को इतना जागरूक बनाएं कि वह लोगों को बता सकें कि संक्रमण से बचने के लिए क्या करना है और क्या नहीं करना है। उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपी टीएसयू ) , यूनिसेफ और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन किया गया।  


स्वास्थ्य सचिव ने कहा इस समय दूसरे राज्यों और जिलों से आ रहे प्रवासियों की देखभाल पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सर्दी, खांसी, बुखार व सांस फूलने के मामलों को गंभीरता से लें और लोगों को समय से इलाज के बारे में प्रेरित करें ताकि समस्या को गंभीर बनने से पहले ही रोका जा सके। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के महानिदेशक डॉ. मिथिलेश चतुर्वेदी ने कोविड-19 की स्थितियों पर प्रकाश डाला और स्टेट सर्विलांस आफिसर डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने सुरक्षा के जरूरी उपायों की उपयोगिता के बारे में बताया। कार्यशाला को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर मिशन निदेशक हीरा लाल ने कहा कि इस मुश्किल दौर में सबको साथ लेकर काम करने की जरूरत है।  


सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) की नेशनल प्रोग्राम लीड रंजना द्विवेदी ने इस दौरान कहा कि ख़बरों में इस तरह की भाषा या शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए जिससे समुदाय में भय का माहौल बनें। इसके साथ ही सुनी-सुनाई बातों की जगह तथ्यपरक ख़बरों को ही जगह मिलनी चाहिए। इसके अलावा कोरोना पर विजय पाने वालों के अनुभवों आदि को महत्व देना जरूरी है। उन्होंने पिछले छह माह के और कोविड सम्बन्धी मीडिया ट्रेंड का प्रस्तुतीकरण भी किया। यूनिसेफ के भाई शैली ने कार्यशाला के दौरान कहा कि कोरोना एक ऐसा वायरस है जो कभी भी और किसी को भी संक्रमित कर सकता है, इसके लिए किसी धर्म, जाति या सम्प्रदाय को जिम्मेदार ठहराना कहीं से भी उचित नहीं है। यूनिसेफ की ही कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट गीताली त्रिवेदी ने इस दौरान सकारात्मक और प्रेरक कहानियों को प्रिंट मीडिया के साथ ही आडियो/वीडियो और सोशल मीडिया के जरिये ज्यादा से ज्यादा प्रचारित-प्रसारित करने पर जोर दिया। उन्होंने कोरोना योद्धाओं और कोरोना विजेताओं की कुछ कहानियों के साथ ही रेडियो पर प्रसारित संदेशों का प्रस्तुतीकरण भी किया। यूनिसेफ के हेल्थ आफिसर डॉ. निर्मल सिंह और सत्यवीर सिंह ने प्रवासी कामगारों के होम यूपी टीएसयू की वरिष्ठ बीसीसी स्पेशलिस्ट डॉ. शालिनी रमन ने सव पूर्व जाँच और टीकाकरण के दौरान जो जरूरी सावधानी सेनेटाइजर के इस्तेमाल, मास्क लगाना, ग्लब्स पहनना और सोशल डिस्टेंशिंग के बारे में विस्तार से बताया।